मैं जो हूँ
मालूम है सबकोऔर
मेरे आसपास जो हैचूंकि मैं बहुत आम हूँ
चर्चे में नहीं हूँ इसलिएपर,
मेरे एक बगलगीरशासन-सियासत में रसूख रखते हैं
पहुँच पैरवी भी बहुत हैदुनिया भर का भला करते हैं
दलाली, जो कि नेताओं का अहम् पेशा हैसमाजसेवा की आड़ में बेधड़क करते हैं।
भाई साहब, खादीधारीमेरे दूसरे बगलगीर
बड़े अधिकारी हैं.
नाम है, पैसा है, इज्ज़त है.बड़े अधिकारी हैं.
गुरूरियत भी कुछ कम नहीं
रिश्वत जो कि सिस्टम में हैऊपर तक पहुँच है अक्सर बखान करते हैं।
सूटेड - बूटेड साहब जी ,बहुत बड़े आदमी हैं।
मेरे तीसरे बगलगीर
धनकुबेर हैं समझो ।
पैसा है, शोहरत है, बिजनेस जमी-जमाईहै।
काली भी - उजली भी , दोनों कमाई है।
दिखते कुछ, करते कुछ और भी हैं।
पैसे का जोर है , नाम - गाम चहुंओर है।
भैया जी, फलां गांव वाले
बहुत बड़े आदमी हैं।
गिरिजा चाची माफ़ करना,
मैं इनमें से कुछ भी नहीं।
तुम्हें अमेरिका पहुँचाना,
मेरे बस का नहीं।
(गिरिजा देवी को अमेरिका में भाषण देने बुलाया गया था, मगर जरूरी इंतजामात नहीं हुआ, इसलिए वह नहीं जा सकीं । मुफलिसी भी एक वजह थी । )
मेरे तीसरे बगलगीर
धनकुबेर हैं समझो ।
पैसा है, शोहरत है, बिजनेस जमी-जमाईहै।
काली भी - उजली भी , दोनों कमाई है।
दिखते कुछ, करते कुछ और भी हैं।
पैसे का जोर है , नाम - गाम चहुंओर है।
भैया जी, फलां गांव वाले
बहुत बड़े आदमी हैं।
गिरिजा चाची माफ़ करना,
मैं इनमें से कुछ भी नहीं।
तुम्हें अमेरिका पहुँचाना,
मेरे बस का नहीं।
(गिरिजा देवी को अमेरिका में भाषण देने बुलाया गया था, मगर जरूरी इंतजामात नहीं हुआ, इसलिए वह नहीं जा सकीं । मुफलिसी भी एक वजह थी । )
1 comment:
Badhiya hai Bhai. Accha laga. lage rahen.
rajneesh
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