Wednesday 29 December 2010

आदि से अंत

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक जीवन-मूल्यों की तरह।
रोजमर्रा की जरूरतों की तरह।
रसोई से लेकर ओसारे तक
घर-आंगन की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक वैचारिक-मूल्यों की तरह।
आचार और विचार की तरह।
घर से लेकर दफ्तर तक
सोच-संस्कार की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक शाश्वत-मूल्यों की तरह।
गतिशील संवाद की तरह।
शुरू से लेकर आखिर तक
प्रतिबद्ध अवधारणाओं की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक सामाजिक-मूल्यों की तरह।
हमारी मान्यताओं की तरह।
बड़ों से लेकर छोटे तक
प्यार-दुलार की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक गणितीय-मूल्यों की तरह।
अंकों के खेल की तरह।
आमदनी से लेकर खर्च तक
हिसाब-किताब की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक भौगोलिक-मूल्यों की तरह।
सुविधा और साधन की तरह।
यहां से लेकर वहां तक
सारे जहान की तरह।

मूल्य,
बहुत मायने रखता है जीवन में
ठीक संबंध-मूल्यों की तरह।
दोस्तों और दुश्मनों की तरह।
अच्छे से लेकर बुरे तक
बदलते रिश्ते की तरह।

2 comments:

ankoor said...

aapne jis tarah se mulya ko parivasit kiya hai wakyi lajawab hai. Mulya hamare jeevan main kitna mayne rakhta hai iski aspast jhalak dikhti hai kavita main. lakin aapne mulya ke bad comma ka prayog kiya hai, iske bad agar semi colan ka prayog hota to behtar tha.

ManPreet Kaur said...

bahut badiya blog..
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