समंदर से हुई
मेरी हर बातचीत में
यह बात तफसील से कही गई
कि -
अबकी साहिल की खैर नहीं
मेरी लहरें आएंगी
और
उलीच ले जाएंगी
किनारे पड़ी रेत
बढ़ जाएगा हमारा दायरा
होता जाएगा मेरा विस्तार
समंदर,
तुम साम्राज्यवादी हो गए हो।
हालांकि,
मैं कहने के साथ-साथ
डरता भी रहा हूं
सहमता भी रहा हूं
हर बूंद असर दिखाती है
फिर तो यह समंदर है।
मगर,
मैं फिर से संभल जाता हूं
बूंद के बाद जब कभी-
बुंदेलखंड याद आ जाया करता है
मैं खुद को ताकीद करता हूं
मत घबराओ, मत घबराओ
बुंदेलखंड से पूर्वांचल
और ओखला तक जाने के बाद भी
थोथा चना भाड़ नहीं फोड़ सका
साम्राज्यवाद पर समाजवाद का विजय
हमें तुष्ट कर देता है!!
मेरी हर बातचीत में
यह बात तफसील से कही गई
कि -
अबकी साहिल की खैर नहीं
मेरी लहरें आएंगी
और
उलीच ले जाएंगी
किनारे पड़ी रेत
बढ़ जाएगा हमारा दायरा
होता जाएगा मेरा विस्तार
समंदर,
तुम साम्राज्यवादी हो गए हो।
हालांकि,
मैं कहने के साथ-साथ
डरता भी रहा हूं
सहमता भी रहा हूं
हर बूंद असर दिखाती है
फिर तो यह समंदर है।
मगर,
मैं फिर से संभल जाता हूं
बूंद के बाद जब कभी-
बुंदेलखंड याद आ जाया करता है
मैं खुद को ताकीद करता हूं
मत घबराओ, मत घबराओ
बुंदेलखंड से पूर्वांचल
और ओखला तक जाने के बाद भी
थोथा चना भाड़ नहीं फोड़ सका
साम्राज्यवाद पर समाजवाद का विजय
हमें तुष्ट कर देता है!!
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